isse behtar to koi gift hi nahi ho sakta hai ji ... main ise enlarge karke frame karke rakhunga ... rahul ji main dil se aapka aabhari hoon aur aapko dhanywad deta hoon ....
waah ji ,kya baat hai ... aapke sabka pyaar mujhe bahut emotional bana deta hai ji ..
वाह विजय साहब को भी न छोड़ा आपने!
ReplyDeleteइस महीने तो लगता है चिट्ठाकारों के ही कार्टून बनेंगे! कार्टून हमेशा की तरह बिलकुल १०/१० बना है! धन्यवाद!
ReplyDeleteकोई नहीं बचेगा लगता है :) बढ़िया है यह भी
ReplyDeleteवाह !!
ReplyDeleteमूंछ हो तो विजय सप्पति जैसी :)
ReplyDeletewaah saheb waah ...
ReplyDeletebhai you made my day !!!
isse behtar to koi gift hi nahi ho sakta hai ji ... main ise enlarge karke frame karke rakhunga ... rahul ji main dil se aapka aabhari hoon aur aapko dhanywad deta hoon ....
waah ji ,kya baat hai ...
aapke sabka pyaar mujhe bahut emotional bana deta hai ji ..
मूँछ तो सुबान अल्लाह.... :)
ReplyDeleteशक्ल कुछ जानी पहचानी लग रही है। अरे ये तो हमारे विजय जी। वाह क्या बात है। दिल खुश हो गया।
ReplyDeletehu-b-hu vijay ji hi hain.
ReplyDeletebahut badhiya.
bahut badhiya hai .vijay ji agar sachmuh aise hi hai to wah wah.bahut achha hai .rahul ji ne kuch jyada hi sundar bana diya hai .rahul ji ko badhai
ReplyDeleteसप्पाति जी का कार्टून बढ़िया है । कुछ नये चिट्ठाकारों की तरफ भी रुख करें । और अभी तो कई दिग्गजों की भी बाट जोह रहा हूँ मैं यहाँ । धन्यवाद ।
ReplyDeleteविजय जी तो
ReplyDeleteगले में टाई की जगह
लटकाते हैं लैपटाप
फिर क्यों दिखा दिया
डेस्कटाप।
लैपटाप से बरसती हैं कविताएं
और डेस्कटाप तो ये खुद ही हैं
लैपटाप डेस्कटाप ही तो हैं इनकी
संपत्ति अरे नहीं, ये हैं भाई सप्पाति
कविताएं ही हैं जिनकी असली संपत्ति।
जय हो!
ReplyDelete