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एक्वेरियम की मछली गुलाम होती है और समुन्दर की स्वतंत्रदूसरों के इशारों पर नाच दिखाने से अच्छा मरना हैहमारे देश के अधिकांश कर्णधार विदेशी पैसे पर तिगनी का नाच नाच रहे हैंथू है इन एक्वेरियम के पुतलों पर
Badhiya vyangya. Magar inhe vyangya ki hi najar se dekhna chahiye.
बिल्कुल सही फाँसा ।
एक्वेरियम की मछली गुलाम होती है और समुन्दर की स्वतंत्र
ReplyDeleteदूसरों के इशारों पर नाच दिखाने से अच्छा मरना है
हमारे देश के अधिकांश कर्णधार विदेशी पैसे पर तिगनी का नाच नाच रहे हैं
थू है इन एक्वेरियम के पुतलों पर
Badhiya vyangya. Magar inhe vyangya ki hi najar se dekhna chahiye.
ReplyDeleteबिल्कुल सही फाँसा ।
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