Tuesday, March 3, 2009

ये सपना नहीं हकीकत है भाई !


2 comments:

  1. कुछ दिन को ही सही-दिन बहुरे!!!

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  2. हा हा, मजेदाऱ। चार दिन की चाँदनी फिर अन्धेरी रात।

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