इतना खूबसूरत मै कभी सपने मे भी नही लगा,आभार आपका।वैसे मैं पसुदकर नही पुसदकर हूं। अनिल सही कह रहे है मूंछे बड़ी सही है और चंद्र मौलेश्वर प्रसाद जी से पोज़ के मामले मे सहमत हू।दिनेश जी बड़े भाई है उनके कहे पर कुछ भी कहने की हिम्मत नही है अविनाश भाई का कथन मै पूरा करने के लिये सदैव तत्पर रहूंगा।एक बार फ़िर आभार आपका।
देर आयद दुरूस्त आयद!
ReplyDeleteधरती सदा से अमीर है
ReplyDeleteअमीर करती रही है
अमीर करती रहेगी
अनिल पसुदकर जी के
करों से शब्दकर सदा
वसूल करती रहेगी।
मूंछें बड़ी सही हैं
ReplyDeleteबढिया पोज़ मारा बन्धु :)
ReplyDeleteइतना खूबसूरत मै कभी सपने मे भी नही लगा,आभार आपका।वैसे मैं पसुदकर नही पुसदकर हूं। अनिल सही कह रहे है मूंछे बड़ी सही है और चंद्र मौलेश्वर प्रसाद जी से पोज़ के मामले मे सहमत हू।दिनेश जी बड़े भाई है उनके कहे पर कुछ भी कहने की हिम्मत नही है अविनाश भाई का कथन मै पूरा करने के लिये सदैव तत्पर रहूंगा।एक बार फ़िर आभार आपका।
ReplyDeleteग़ज़ब भाई...
ReplyDeletevakai shandar!!
ReplyDeleteise abhi k abhi apan anil bhaiya k blog me dal dete hai ji ;)
maja aa gaya
वाकई में, कैरीकैचर खूबसूरत और भावपूर्ण बना है
ReplyDeletewonderful
ReplyDeleteअनिल जी का इतना भाव-प्रवण कार्टून दे दिया आपने कि जी खुश हो गया । धन्यवाद ।
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