तीखे और ताजे कार्टूनों का अड्डा...
हा हा! प्रिय तुम भी चले ही आओ!!
सबको सत्ता में भागीदारी चाहिए, विपक्ष के लिए कोई तो चाहिए कि नहीं....इन्हे छोड़ दो आत्ममंथन के लिए...
मन में तो लड्डू फूट रहे होंगे।
ha ha ha ha ha
भई वाह
waah CHANDRASHEKHAR HADA ji maza aagaya
वाह
vo mara!
हा हा! प्रिय तुम भी चले ही आओ!!
ReplyDeleteसबको सत्ता में भागीदारी चाहिए, विपक्ष के लिए कोई तो चाहिए कि नहीं....इन्हे छोड़ दो आत्ममंथन के लिए...
ReplyDeleteमन में तो लड्डू फूट रहे होंगे।
ReplyDeleteha ha ha ha ha
ReplyDeleteभई वाह
ReplyDeletewaah CHANDRASHEKHAR HADA ji maza aagaya
ReplyDeleteवाह
ReplyDeletevo mara!
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