तीखे और ताजे कार्टूनों का अड्डा...
क्या कहने!!
वाह !! क्या खूब बनाया है।
बहुत बढ़िया क्या खूब बनाया है ??बिल्कुल चकाचक !!!!!!प्राइमरी का मास्टरफतेहपुर
अरे!ये तो कलम और कैमरा हैं, एके47 से भी खतरनाक!
हरि भाई तो लाजवाब है, वह बहुत सारी विधाओं में दक्ष हैं और बहुत मिलनसार और दिलचस्प व्यक्तित्व ।
ये लड्डू हैं
अरे भाई इस मेहरवानी के लिए शुक्रिया। लेकिन मैं हरी नहीं हरि हूं। भाई अजित वडनेकर से गुजारिश हैं कि वह शब्दों के सफर में कभी हरी और हरि के बीच का फर्क जरुर बताएं।
क्षमा चाहूंगा। टंकण में गलती हो गई। शब्दों के सफर वाले शब्द विशेषज्ञ अजित वडनेरकर..
गलती सुधार दी है हरि भाई, दरअसल ये रोमन लिखने और जल्दवाजी के कारण हुआ.
आभार आपका भाई।
हरी और हरिहरी घास औरहरि आकाशदूर होते हुएदोनों पासक्या ये फर्क है।
मस्त लग रहे है हरि भाई।देख कर तबियत हरी हो गई।
:)..ye laddooo hain??yah to hathiyaar se kam vastuyen nahin hain..
बहुत मस्त बनाया है हरि जी को!!
क्या कहने!!
ReplyDeleteवाह !! क्या खूब बनाया है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया क्या खूब बनाया है ??
ReplyDeleteबिल्कुल चकाचक !!!!!!
प्राइमरी का मास्टरफतेहपुर
अरे!ये तो कलम और कैमरा हैं, एके47 से भी खतरनाक!
ReplyDeleteहरि भाई तो लाजवाब है, वह बहुत सारी विधाओं में दक्ष हैं और बहुत मिलनसार और दिलचस्प व्यक्तित्व ।
ReplyDeleteये लड्डू हैं
ReplyDeleteअरे भाई इस मेहरवानी के लिए शुक्रिया। लेकिन मैं हरी नहीं हरि हूं। भाई अजित वडनेकर से गुजारिश हैं कि वह शब्दों के सफर में कभी हरी और हरि के बीच का फर्क जरुर बताएं।
ReplyDeleteक्षमा चाहूंगा। टंकण में गलती हो गई। शब्दों के सफर वाले शब्द विशेषज्ञ अजित वडनेरकर..
ReplyDeleteगलती सुधार दी है हरि भाई, दरअसल ये रोमन लिखने और जल्दवाजी के कारण हुआ.
ReplyDeleteआभार आपका भाई।
ReplyDeleteहरी और हरि
ReplyDeleteहरी घास और
हरि आकाश
दूर होते हुए
दोनों पास
क्या ये फर्क है।
मस्त लग रहे है हरि भाई।देख कर तबियत हरी हो गई।
ReplyDelete:)..ye laddooo hain??yah to hathiyaar se kam vastuyen nahin hain..
ReplyDeleteबहुत मस्त बनाया है हरि जी को!!
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