Wednesday, March 10, 2010

केरीकेचर- शिवकुमार जी के साथी भाई ज्ञानदत्त पाण्डेय जी की 'हरी झंडी'...


9 comments:

  1. ज्ञान एक्सप्रेस...की छूक छूक...
    छूक छूक...

    बढ़िया...

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  2. सुपर फास्ट सेवा के लिये भी वही झण्डी.......

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  3. वाह, कारटून बनाया आपने!
    वर्ना हम भी आदमी थे काम के!

    बहुत बढ़िया।

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  4. बहुत अच्छी प्रस्तुति! राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

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  5. वाह! ज्ञान जी को गोल कर दिया
    वरना ब्लागीर वे भी चौकोर थे।

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  6. फोटो देखकर साफ पता चल रहा है कि ज्ञान दद्दा झण्डी दिखाते वक्त भी ब्लॉगिंग के ही ख्यालों में खोये हैं। :-)

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  7. अरे भैये ! ज्यादातर सीनियर ब्लोग्गेर्स की गाडी को तो यह लाल झंडी दिखाने से चूकते नहीं ....और आपने हरी झंडी पकड़ा दी???

    शायद ब्लॉग्गिंग की छुक छुक दौड़ती रहे !!!!

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