तीखे और ताजे कार्टूनों का अड्डा...
थकेले नेताओं को इसकी बौत जरूत है... स्वामी रामदेव तो लम्बे समय से इसके पीछे लगा हुआ है कि चुस्त दुरुस्त बनो कोई सुने ही नहीं तो बेचारा साधू बाबा क्या कर सकता है हां अब दवाओं का व्यवसाय भी है सो दवाएं खाकर चुस्ती ली जा स
सकती है योग का प्रोसेस तो लम्बा है और चुनाव सिर पर आ गए हैं
थकेले नेताओं को इसकी बौत जरूत है...
ReplyDeleteस्वामी रामदेव तो लम्बे समय से इसके पीछे लगा हुआ है कि चुस्त दुरुस्त बनो
कोई सुने ही नहीं तो बेचारा साधू बाबा क्या कर सकता है
हां अब दवाओं का व्यवसाय भी है सो दवाएं खाकर चुस्ती ली जा स
सकती है
ReplyDeleteयोग का प्रोसेस तो लम्बा है और चुनाव सिर पर आ गए हैं