ये मेरा सौभाग्य है कि अजित जी के साथ काम किया है .शायद वे भूल गए हों पर "आजकल" पेज के लिए उनके साथ काफी इलस्ट्रेशन,कार्टून बनाये हैं .हलाकि अब उनका स्नेह मिलना बंद हो गया है यदि मुझसे जाने-अनजाने कोई भूल हुई हो तो माफ़ी चाहता हूँ. रंग पंचमी की बहुत सारी शुभकामनायें.
हा हा!! ये सही पकड़ा अजीत भाई को बीच सफर में!!!!! :)
ReplyDeletekya baat hae
ReplyDeleteप्यारे चंदू भाई,
ReplyDeleteबहुत खूब...जेहन में वो यादें भी ताजा है और आप भी वहां बसेरा किए हुए हैं। व्यस्ततावश मैं ही आपको इसका सबूत नहीं दे पाया सो माफी की दरकार आपको नहीं, मुझे है। यूं कुछ अर्सा पहले आपकी फालोअर्स लिस्ट में शामिल होकर इस अहसास को पाटने की कोशिश की थी :)
आप यूं ही रंग बिखेरते रहें..हमेशा हंसता हुआ आपका मुखमंडल...औरों के चेहरों पर भी स्थायी मुस्कान लाता रहे...रंगपर्व पर इसी कामना के साथ...
सस्नेह...साभार
अजित
Good Hai Jee.
ReplyDeleteवाह जी वाह शानदार पकडा है जी :)
ReplyDeleteअब पकडॆ ही रहना
बहुत सही।
ReplyDeleteमानना पड़ेगा एकदम सही अंदाज़ में पकड़ा है आपने भाई साहब को।
शानदार!
बहुत खूब. अपने अनूठे विषय के साथ अजित जी तो हिन्दी ब्लॉग-जगत की शान हैं.
ReplyDeleteअरे ये चंदू है
ReplyDeleteमैंने सोचा कि चंदू है
चलो कोई बात नहीं चंदू है
तो क्या
चांद पर बैठेगा अब ?
अजित जी मेरे प्रिय चिट्ठाकारों में से एक हैं । धन्यवाद इस कार्टून के लिये ।
ReplyDeleteही ही ही ही ही ही ....शायद यही कह रहे हैं शब्दों के खिलाड़ी ??
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