Sunday, March 15, 2009

शब्दों का सबसे बड़ा खिलाड़ी...मतलब हमारे बड़े भाई :-



ये मेरा सौभाग्य है कि अजित जी के साथ काम किया है .शायद वे भूल गए हों पर "आजकल" पेज के लिए उनके साथ काफी इलस्ट्रेशन,कार्टून बनाये हैं .हलाकि अब उनका स्नेह मिलना बंद हो गया है यदि मुझसे जाने-अनजाने कोई भूल हुई हो तो माफ़ी चाहता हूँ. रंग पंचमी की बहुत सारी शुभकामनायें.

10 comments:

  1. हा हा!! ये सही पकड़ा अजीत भाई को बीच सफर में!!!!! :)

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  2. प्यारे चंदू भाई,
    बहुत खूब...जेहन में वो यादें भी ताजा है और आप भी वहां बसेरा किए हुए हैं। व्यस्ततावश मैं ही आपको इसका सबूत नहीं दे पाया सो माफी की दरकार आपको नहीं, मुझे है। यूं कुछ अर्सा पहले आपकी फालोअर्स लिस्ट में शामिल होकर इस अहसास को पाटने की कोशिश की थी :)
    आप यूं ही रंग बिखेरते रहें..हमेशा हंसता हुआ आपका मुखमंडल...औरों के चेहरों पर भी स्थायी मुस्कान लाता रहे...रंगपर्व पर इसी कामना के साथ...
    सस्नेह...साभार
    अजित

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  3. वाह जी वाह शानदार पकडा है जी :)
    अब पकडॆ ही रहना

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  4. बहुत सही।
    मानना पड़ेगा एकदम सही अंदाज़ में पकड़ा है आपने भाई साहब को।

    शानदार!

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  5. बहुत खूब. अपने अनूठे विषय के साथ अजित जी तो हिन्दी ब्लॉग-जगत की शान हैं.

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  6. अरे ये चंदू है

    मैंने सोचा कि चंदू है

    चलो कोई बात नहीं चंदू है

    तो क्‍या

    चांद पर बैठेगा अब ?

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  7. अजित जी मेरे प्रिय चिट्ठाकारों में से एक हैं । धन्यवाद इस कार्टून के लिये ।

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  8. ही ही ही ही ही ही ....शायद यही कह रहे हैं शब्दों के खिलाड़ी ??

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